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राजस्थान के इस जिले में तम्बाकू उत्पादों के खिलाफ खोला मोर्चा, बिना लाइसेंस बेचने वालों पर 1 लाख का जुर्माना और 7 साल की सजा

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अब भरतपुर जिले में व्यापारियों ने बिना लाइसेंस के तंबाकू बेचा तो उनकी खैर नहीं। बिना लाइसेंस के तंबाकू बेचने वाले व्यापारियों को 7 साल की जेल या 1 लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। भरतपुर को नशा मुक्त बनाने के लिए यह पहल की जा रही है। नाबालिगों को तंबाकू बेचने पर पूरी तरह से रोक रहेगी। इसको लेकर आज नगर निगम में तंबाकू विक्रेताओं के साथ बैठक हुई। 

नगर निगम आयुक्त श्रवण कुमार विश्नोई ने बताया कि तंबाकू निषेध को लेकर उपनियम बनाए गए हैं। तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर नियंत्रण रखने और लोगों को आसानी से तंबाकू न मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए। साथ ही तंबाकू प्रतिबंधित क्षेत्रों से दूर बेचा जाए। हर व्यक्ति तंबाकू न बेचे। इसके लिए व्यापारियों के साथ कार्यशाला की गई है। उन्हें बताया गया कि वे कहां तंबाकू की दुकानें नहीं लगा सकते। तंबाकू बेचने का लाइसेंस कैसे लें और किसे तंबाकू नहीं बेचा जा सकता। छोटे बच्चों को तंबाकू नहीं बेचा जाएगा। इसलिए व्यापारियों पर कुछ सीमाएं लगाई गई हैं। अगर कोई व्यापारी नाबालिग को तंबाकू बेचता हुआ पाया गया तो उसे 7 साल की सजा और 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। 

व्यापारियों की मांग के अनुसार नगर निगम में तंबाकू लाइसेंस देने के लिए कैंप लगाया जाएगा। ताकि व्यापारियों को जल्द से जल्द तंबाकू लाइसेंस मिल जाए। अगर कोई व्यापारी बिना लाइसेंस के तंबाकू बेचता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोटपा के राज्य समन्वयक राजेंद्र चौधरी ने बताया कि आज तंबाकू विक्रेताओं के साथ बैठक हुई। इस बात पर चर्चा की गई कि किस तरह से विक्रेता लाइसेंस लेकर नई पीढ़ी को तंबाकू से दूर रख सकते हैं। भरतपुर जिला किस तरह से नशा मुक्त जिला बन सकता है और नई पीढ़ी किस तरह से तंबाकू का सेवन न करे। नई पीढ़ी को तंबाकू से दूर रखने का यह अनूठा प्रयास है।

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