राजस्थान के अलवर ज़िले में अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा भानगढ़ का किला एक ऐसा नाम है जो रहस्यों, डरावनी कहानियों और असामान्य घटनाओं के लिए भारत ही नहीं, दुनियाभर में मशहूर है। इस किले को भारत का सबसे डरावना स्थान माना जाता है और खासकर इसका एक विशेष कमरा चर्चा का विषय बना हुआ है।यह वही कमरा है जहाँ जाते ही मोबाइल का नेटवर्क चला जाता है, कैमरे काम करना बंद कर देते हैं और कई बार इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ पूरी तरह बंद हो जाती हैं। सवाल उठता है — क्या सच में इस कमरे में कोई भूतिया ताकत है? क्या यह कोई प्राकृतिक चुंबकीय प्रभाव है या फिर सिर्फ मन का भ्रम?
भानगढ़ का इतिहास: शाप की नींव पर बना शहर
भानगढ़ का किला 17वीं सदी में आमेर के राजा माधो सिंह ने बनवाया था। कहा जाता है कि इस किले को बनाने से पहले इलाके के एक तांत्रिक बाबा बलू नाथ से अनुमति ली गई थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि किले की ऊंचाई इतनी न हो कि उनकी कुटिया पर छाया पड़े — लेकिन जैसे ही यह वचनभंग हुआ, शाप के अनुसार भानगढ़ उजड़ गया।दूसरी प्रचलित कथा एक तांत्रिक और रानी रत्नावती से जुड़ी है। कहा जाता है कि रानी की सुंदरता पर मोहित होकर तांत्रिक सिंघिया ने उसे वश में करने के लिए काले जादू का सहारा लिया। लेकिन रानी ने उसकी चाल उलटी कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई। मरते समय उसने पूरे भानगढ़ को श्राप दे दिया कि वहां कोई नहीं बस पाएगा — और आज तक ये जगह वीरान है।
रहस्यमयी कमरा: जहां विज्ञान भी हो जाता है बेबस
भानगढ़ के इस कमरा या तहखाने को स्थानीय लोग "शापित कक्ष" कहते हैं। यह किला दिन में खुला रहता है, लेकिन सूरज ढलते ही यहां आना पूर्णतः प्रतिबंधित है। इस विशेष कमरे में जाने पर अक्सर ये अजीब घटनाएं सामने आती हैं:
मोबाइल फोन का नेटवर्क गायब हो जाता है, भले ही आसपास फुल सिग्नल हों।
कैमरे या तो ऑटोमैटिक शट डाउन हो जाते हैं या फिर तस्वीरें ब्लर और काली आ जाती हैं।
कई बार वीडियो रिकॉर्डिंग फाइल ही सेव नहीं होती।
कुछ पर्यटकों ने दावा किया कि उनके कैमरे इस कमरे में हमेशा के लिए खराब हो गए।
यह सब सुनकर मन में सवाल आता है — आखिर इस कमरे में ऐसा क्या है?
विज्ञान क्या कहता है?
कुछ वैज्ञानिक और रिसर्चर मानते हैं कि भानगढ़ के इस कमरे में कोई चुंबकीय विकिरण (magnetic radiation) हो सकता है, जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्रभावित करता है।दूसरा पक्ष यह भी मानता है कि यह सब साइकोलॉजिकल प्रभाव है — जब कोई व्यक्ति डर और कहानियों के प्रभाव में किसी स्थान पर जाता है, तो दिमाग खुद ही डरावने संकेत देने लगता है।हालांकि, अब तक कोई भी वैज्ञानिक टीम इस विशेष कमरे के प्रभाव को पूरी तरह से साबित या खारिज नहीं कर सकी है। ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की ओर से रात को यहां प्रवेश पूरी तरह वर्जित है, जो इस रहस्य को और गहरा बना देता है।
स्थानीय लोग क्या मानते हैं?
भानगढ़ के आसपास रहने वाले लोग आज भी मानते हैं कि किले में रात को अदृश्य शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं। कुछ लोगों ने वहां से चीखने-चिल्लाने की आवाजें, पैरों की आहटें और साए जैसी चीज़ें देखने का दावा भी किया है।इस कमरे को लेकर कुछ वृद्धों का मानना है कि यहां तांत्रिक विद्या का प्रयोग किया गया था, जिसकी ऊर्जा आज भी बंद है, और कोई भी व्यक्ति अगर ज्यादा देर यहां रुका, तो वह मानसिक रूप से परेशान हो सकता है।
पर्यटन और चेतावनी: साहसिक लोगों के लिए स्वर्ग, लेकिन रिस्क के साथ
भानगढ़ का किला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, लेकिन इस कमरे को लेकर सभी को विशेष सतर्कता बरतनी पड़ती है।
ASI द्वारा लगाए गए साइनबोर्ड साफ कहते हैं:
“सूर्यास्त के बाद इस परिसर में प्रवेश करना कानूनन अपराध है।”
इस चेतावनी का पालन न करने वाले कई युवाओं के साथ अनहोनी घटनाएं हो चुकी हैं — जैसे अचानक चक्कर आना, तेज सिरदर्द, मनोवैज्ञानिक डर और कुछ मामलों में अस्पताल में भर्ती तक की नौबत।
भानगढ़ किले का यह कमरा आज भी अनेकों रहस्यों से भरा है। जहां कुछ लोग इसे भूतिया अनुभवों का केंद्र मानते हैं, वहीं वैज्ञानिक इसे अभी अनसुलझा फिजिकल फेनॉमेनन कहकर टालते हैं।जो भी हो, इतना तय है कि भानगढ़ का यह रहस्यमयी कमरा एक ऐसी जगह है जहां डर, जिज्ञासा और रोमांच एक साथ मौजूद हैं। अगर आप वहां जाने का साहस रखते हैं, तो दिन में जरूर जाएं — लेकिन सूरज ढलने से पहले वापस आ जाएं, क्योंकि विज्ञान भी यहां रात को जवाब दे देता है।
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