राजस्थान के उदयपुर ज़िले में स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में औरंगज़ेब की तारीफ़ को लेकर शुरू हुआ विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को छात्रों ने कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा के ख़िलाफ़ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। गुस्साए छात्र पिछले गेट से प्रशासनिक भवन में घुस गए और दरवाज़ों के शीशे तोड़ दिए। बाद में उन्होंने कुलपति का पुतला फूंका और टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। हालात बिगड़ते देख विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी।
औरंगज़ेब को कुशल प्रशासक बताया
दरअसल, कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने मुग़ल शासक औरंगज़ेब को 'कुशल प्रशासक' बताया था। यह बयान छात्रों को रास नहीं आ रहा है। मिश्रा ने अब अपने बयान पर खेद जताते हुए माफ़ी माँग ली है, लेकिन छात्र उनकी बर्खास्तगी की माँग पर अड़े हुए हैं।
कुलपति सुनीता मिश्रा ने क्या कहा?
12 सितंबर को विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में मिश्रा ने कहा था कि इतिहास में हम महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान और अकबर जैसे कई शासकों के बारे में पढ़ते और सुनते हैं। इनमें औरंगज़ेब को एक कुशल प्रशासक भी माना जाता है।
मिश्रा का स्पष्टीकरण
विवाद बढ़ने के बाद, मिश्रा ने माफ़ी मांगी और कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उनका कहना है कि अगर पूरे बयान को ध्यान से सुना जाए, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि उन्होंने औरंगज़ेब की प्रशंसा नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि वह मूलतः हिंदी भाषी नहीं हैं, इसलिए उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया। उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का नहीं था। इस पूरे विवाद के बीच, हर तरफ से लोग अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। जिसमें छात्रों, भाजपा नेताओं और राजपूत करणी सेना के लोगों ने भी चेतावनी दी है।
छात्रों के आरोप
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मयूरध्वज सिंह चौहान का कहना है कि कुलपति ने संविदा कर्मचारियों की हड़ताल को भी नज़रअंदाज़ किया और छात्रों की बात सुनने के बजाय, निष्कासन के आदेश जारी कर दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि ज़रूरत पड़ने पर विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा।
भाजपा नेता का बयान
भाजपा शहर जिला महामंत्री और सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. पंकज गोराणा ने कहा कि महाराणा प्रताप की धरती पर ऐसा बयान मेवाड़ की अस्मिता का अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति ने ए ग्रेड विश्वविद्यालय को सी ग्रेड में धकेल दिया है। भाजपा ने एक प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री से कुलपति को हटाने की मांग की है।
राजपूत करणी सेना की चेतावनी
राजपूत करणी सेना के संभाग प्रभारी डॉ. परमवीर सिंह दुलवत ने कहा कि इस तरह का बयान इतिहास की समझ की कमी को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति आदिवासी छात्रों और कभी-कभी छात्र संगठनों पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने का दबाव बनाकर उन्हें परेशान कर रहे हैं। दुलवत ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तत्काल कार्रवाई नहीं करते और कुलपति को पद से नहीं हटाया जाता, तो करणी सेना आंदोलन शुरू करेगी।
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